Wednesday, December 14, 2011

Beware of hypocrisy wool

सद्गुरुदेव ने अपने शिष्य के मार्गदर्शन के लिय सिर्फ त्रिमूर्ति गुरुदेवो को गुरुपद पर आसिन किय है | बाँकी जित्ने भी लोग निखिल नाम लेकर गुरु दीक्षा प्रदान कर्ने कि काम कर रहे है वो सब ढोंग कर रहे है, पाखण्ड कर रहे है | सावधान ऊन पाखण्डीवो से |
गुरु सेवा का मतलव लोगो को भ्रम मे डालकर निखिल नाम से गुरुदिक्षा देना नही | उनका सामर्थ है तो अपने स्वयं ना तप से, स्वयं का नाम से गुरु बने |

त्रिमूर्ति गुरुदेव पर दिव्यपात प्रदान कर सद गुरुदेव ने उन्हें गुरु पद प्रदान किय है |
जो जानकर भी गड्डे मे गिरते है, उनको तो कहना हि क्या |


Sadgurudev Nikhileshworananda's speech before placing Trimurti Gurudev (Shree Nand kishor shrimali, shree kailash chandra shrimali, shree Arbinda shrimali) as Gurudev after him...................... 

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