Thursday, December 7, 2017

Praan Vikhandan Mantra and Para Vidya Surya Vigyan

प्राण विखंडन मंत्र
जय गुरुदेव
मित्रो बहुत वर्ष पूर्व ही पूज्य सदगुरुदेव जी {विद्रोहियों के सद्गुरु} ने इस फ़ालतू की कहावत का खंडन करते हुए हमें एक अद्भुत प्राण विखंडन मन्त्र प्रदान किया था। जिसके अल्प जप से ही आपके शरीर में ऊर्जा का अद्भुत प्रवाह शुरू हो जाता है। और आत्मिक ऊर्जा ही किसी प्रहार के संधान का आधार अथवा उससे रक्षा हेतु सुरक्षा कवच का कार्य करती है। मै ये नहीं कहता की उस ऊर्जा को प्राप्त करने के और माध्यम नहीं है परंतु ये भी जबरदस्त है अपने आप में -
प्राण विखंडन मन्त्र -
।। ॐ तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्‌ हूं फट् ।।
उच्चारण कैसे किया जाय इसके लिए तो किसी योग्य व्यक्ति से मार्गदर्शन लेना ही पडेगा।
उपरोक्त मन्त्र भी आजकल पत्रिका में जो छप रहा है वो अशुद्ध है और वो है -
।। ॐ तच्चक्षुर्देव तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्‌ हूं फट् ।।
ऐसा क्यों हुआ इसका उत्तर उस शिविर में है जिसमे पूज्य श्री ने ये मन्त्र दिया था उसमें उन्होंने साधको को स्पष्ट मात्र करने के लिए प्रथम शब्द दो बार बोल दिया था और गुरुभाइयों ने उसे ही मन्त्र बना दिया परंतु चमत्कार तो तब हुआ जब उसी रिपिटेड मन्त्र को कितने ही गुरुभाइयों ने जप कर आश्चर्य कारक परिणाम प्राप्त किये। वास्तव में ये दृढ़ता है शिष्य की वैचारिक दृढ़ता जिसके समक्ष समस्त नियम और कानून भी प्रणम्य हो जाया करते है।
शुरुआत में मुझे भी शंसय हुआ की आखिर सत्य क्या है कुछ समय उत्तर नहीं मिला पर फिर वेदोक्त गायत्री संध्या के सुर्योपस्थापन के चतुर्थ मन्त्र में ये रहस्य यो ही मिल गया।
ॐ तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्‌ । पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शत (गूं) श्रृणुयाम शरद: शतं प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्‌ ।
अतः इसका लाभ लें इसकी ऑडियो भी मंत्र तंत्र यंत्र विज्ञान ग्रुप में डाला था हम लोगो ने।
सौजन्य . जय निखिलेश्वर
Gurudev Dr Narayan Dutt Shrimali explains about Para Vidya or Surya Vigyan, he explains the secret of his ability to chant whichever Shloka or Mantra he wants, from Lakhs of Shlokas of Vedas, Puranas, Upanishads etc. He also gives the Praan Vikhandan Mantra (प्राण विखंडन मंत्र) whose chanting gives immediate results & dares all present to test the powerful mantra. Jai Sadgurudev Bhagwan Nikhileshwaranand ji Maharaj ki 🙏 Visit website www.drnarayanduttshrimali.com for old books and magazines written by pujya Gurudev Dr Narayan Dutt Shrimali ji.

1 comment:

Santosh Nikhil Gupta said...

मतलब तुम बहुत बड़े वाले टोपा आदमी हो...सुधरोगे नहीं...