नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङगरागाय महेश्र्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः
शिवायमन्दाकिनिसलिल चन्द्नचर्चिताय नन्दीश्र्वर प्रमथनाथ महेश्र्वराय
मंदार पुष्पबहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वर नाशाकाय
श्री नीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नमः शिवाय
वसिष्ठकुम्भोद्भव गौतामार्य मुनीन्द्र देवार्चित शेखराय
चंद्रार्कावैश्वानर लोचनाय तस्मै वकाराय नमः शिवाय
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नमः शिवाय
पंचाक्षर मिंद पुण्यं यः पठेच्छीव् सन्नदै l
शिवलोक कमवाप्नोति शिवेन सहमोदते l l
l l इति श्री शिव पंचाक्षर स्त्रोत्रम l l
Mantra Tantra Yantra Vigyan:#3 PART(NARAYAN / PRACHIN / NIKHIL-MANTRA SADHANA VIGYAN) Rejuvenating Ancient Indian Spiritual Sciences - Narayan | Nikhil Mantra Vigyan formerly Mantra Tantra Yantra Vigyan is a monthly magazine containing articles on ancient Indian Spiritual Sciences viz. Nothing impossible असम्भव कुछ भी नही बस आप में इच्छा शक्ति होनी चाहिए। आप में कुछ खास है बस आप को उसे बहार निकलना है। आप एक आम इंसान से महान बन सकते है। सोचना अभी से शुरू करे कल बहुत देर हो जायेगी|निखिलेश्वरनंद)
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Monday, July 18, 2011
shiv panchakeshar stotra maha mantra
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श्री शिव पंचाक्षर स्त्रोत्रम
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