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Wednesday, January 6, 2016

गुरुवार का विशेष उपाय guruvaar ke din upay

गुरुवार का विशेष उपाय: मिलेगा धन,
हो जाएगी शादी
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गुरुवार सप्ताह का सबसे महत्त्वपूर्ण दिन है क्यूंकि . ये दिन
गुरुओं को समर्पित है इसीलिए हम देखते हैं
की इस दिन सिद्धो की समाधि में,
फकीरों की समाधि आधी में
लोगो की भीड़
लगी रहती है.
गुरुवार के दिन हम उन लोगो को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने
अपने जीवन के परमोच्च लक्ष्य को प्राप्त
किया हो. ये दिन हैं किसी विशेष कार्य को प्रारभ
करने का, विद्या आरंभ करने का आदि.
गुरुवार के दिन सावधानी:
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इस दिन दक्षिण
दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए
अन्यथा हानि होने की संभावनाए
होती है. और अगर करना पड़े तो विशेष
सावधानी रखना चाहिए.
चलिए देखते हैं की गुरुवार के दिन कौन से टोटके किये
जा सकते है:
1. अगर पुखराज या सुनेला धारण करना हो तो गुरुवार से
अच्छा कोई दिन नहीं होता है.
2. इस दिन स्वर्ण खरीदने का भी दिन
होता है और इस दिन का ख़रीदा हुआ सोना शुभ
फल देता है.
3. अगर विवाह में विलम्ब हो रहा हो गुरु के कारण तो इस दिन
पिली चीजों का दान करने से विवाह
बाधा दूर होती है.
4. पढाई में समस्या आ रही हो तो इस दिन से गुरु
का मंत्र जप करना फायदेमंद रहता है.
5. गणेशजी के 108 नामो के साथ अगर
गणेशजी को 108 लड्डू अर्पित किया जाए तो कई
व्यक्तिगत और कामकाजी समस्याओ का निवारण
होता है.
6. अगर काम काज में सफलता नहीं मिल
रही है तो गुरुवार को घर से बहार निकलते हुए 1
चुटकी नमक और हल्दी दरवाजे के
दोनों तरफ चेदकते हुए बहार निकले सफलता मिलने के अवसर
बाद जायेंगे.
7. घर में सुख और सम्पन्नता लाने के लिए गुरुवार से दरवाजे के
दोनों और स्वस्तिक बनाना चाहिए और गुड और चने का भोग वह
लगाना चाहिए.
वैदिक ज्योतिष में ऐसा कहा जाता है
की कुंडली में अगर सब ग्रह कमजोर
हो परन्तु सिर्फ गुरु अगर बलवान होतो व्यक्ति एक
सुखी जीवन जीता है.
अतः गुरु के शुभ फल को जरुर प्राप्त करना चाहिए.
गुरु व्यक्ति को मजबूत और गंभीर बनाता है,
शौक़ीन भी बनता है. इसका बल
ज्यादा बड जाए
तो व्यक्ति अभीमानी हो जाता है जिससे
की बहुत
परेशानी हो जाती है.
अतः इसके बल को नियंत्रित करना चाहिए जिससे
की एक सफल जीवन जिया जा सके.
गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन,
विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल
की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख
तथा शांति का समावेश होता है। जिन जातकों के विवाह में बाधाएं
उत्पन्न हो रही हों एवं धन
की कमी हो उन्हें गुरूवार का व्रत
करना चाहिए। गुरुवार को बृहस्पति भगवान का व्रत रखने से घर
में हमेशा सुख-संपत्ति की बहार
रहती है।
इस दिन ब्रह्स्पतेश्वर महादेव
जी की पूजा होती है। दिन
में एक समय ही भोजन करें। पीले
वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें। भोजन
भी चने की दाल का होना चाहिए। नमक
नहीं खाना चाहिए। पीले रंग का फूल,
चने की दाल, पीले कपड़े
तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए।
पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए। इस व्रत से
ब्रहस्पति जी खुश होते हैं तथा धन और
विद्या का लाभ होता है। यह व्रत महिलाएं आवश्य करें। इस
व्रत मे केले का पूजन होता है।
धन प्राप्ति के लिए
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बृहस्पतिवार को सवा पांच किलो आटा एवं सवा किलो गुड़ लेकर
दोनों को इकट्ठा कर आटा गूंध लें और रोटियां बना लें और सायंकाल
के समय गाय को खिलाएं। तीन गुरुवार तक ऐसा करने
से दरिद्रता दूर होती है और धन
की प्राप्ति होती है।
विवाह में बांधा का उपाय
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विवाह में बाधा पड़ रही हो तो शुक्ल पक्ष के
प्रथम गुरुवार वाले दिन शाम को केले के पेड़ पर पांच तरह
की मिठाई,
दो हरी इलायची एवं शुद्ध
घी के दीपक के साथ जल अर्पित करें।
ऐसा तीन गुरुवार तक करने से शीघ्र लाभ
होगा।

Tuesday, January 5, 2016

Guru ki mahima गुरू की महिमा

★★★ गुरू की महिमा★★★


1.गुरू एक तेज है, जिनके आते ही सारे सन्शय के अंधकार खतम हो जाते हैं !
2. गुरू वो मृदंग हे जिसके बजते ही अनाहद नाद सुनने शुरू हो जाते हैं !
3. गुरू वो ज्ञान हे जिसके मिलते ही पांचो शरीर एक हो जाते हैं !
4. गुरू वो दीक्षा हे जो सही मायने मे मिलती हे तो पार हो जाते हैं !
5. गुरू वो नदी है, जो निरंतर हमारे प्राण से बहती हैं !
6. गुरू वो सत चित आनंद हैं, जो हमे हमारी पहचान देता हैं !
7. गुरू वो बासुरी हैं, जिसके बजते ही अंग अंग थीरक ने लगता हैं !
8. गुरू वो अमृत हे जिसे पीके कोई कभी प्यासा नही!
9. गुरू वो मृदन्ग हैं, जिसे बजाते ही सो हम नाद की झलक मिलती हैं !
10. गुरू वो कृपा हि हैं जो सिर्फ कुछ सद शिष्यो को विशेष रूप मे मिलती हे और कुछ पाकर भी समझ नही पाते !
11. गुरू वो खजाना है, जो अनमोल है !
12. गुरू वो समाधि है, जो चिरकाल तक रहती है !
13.गुरू वो प्रसाद है, जिसके भाग्य मे हो उसे कभी कुछ मांगने की ज़रूरत नही !

Wednesday, April 15, 2015

MTYV Vishwa Vidyalaya For Admission

मंत्र तंत्र यन्त्र विज्ञानं विधालय



मंत्र तंत्र यन्त्र विज्ञानं विधालय में प्रवेश के लिएसभी साधक और साधिका को सूचित किया जाता है की आप सब के लिए MTYV Vishwa Vidyalaya whatApp ग्रुप बन गया है | जहा पर साधना को सिखने का एक नवीन अवसर मिल सकता है बहुत से साधक और साधिका के अनुरोध पर ये किया जा रहा है , जो नए साधक उन को लाभ मिलेगा और पुरने साधक एस ग्रुप से जुड़ कर आपना ज्ञान, ध्यान और चिन्तन को बड़ा सकते है | जो साधको को साधना में सफलता नहीं मिल रहा है उन के लिए बहुत ही उपयोगी होगा और एक नए उत्साह से हम साधना को सिख कर आपने जीवन को आगे ले सकेगे | ये ग्रुप पैसे कमाने के लिए नहीं बनाया जा रहा है | में सद्गुरु के प्रेरणा से ये सब करने का विचार कर रहा हूँ , ग्रुप मैं कुछ टीम वर्क होगा जो आप को सही से मार्ग दर्सन के साथ उचित सलाह दिया जा सकेगा जिस आप साधना में मिल रही असफलता को कम कर सकेगे और सद्गुरु के ज्ञान को बचने मैं सहयोग के साथ खुद भी नवीन चेतना धारण कर शिष्य बन सकेगे |



तंत्र में किसी कि सहायता कर देना सरल नहीं होता है उसे पग पग पर मुसीबतों का सामना करना पड़ता है ।

एक प्रकार से शिव की तरह जहर पीना पड़ता है ।




सॉर्ट कट नहीं किसी भी चीज़ का तंत्र के क्षेत्र में फिर भी गुरु किरपा हो और अटूट प्रेम श्रद्धा विस्वास है सब संभव है ?

गुरु प्रेम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊ गली~ गली , है कोई गुरु चाहने वाला शोर मचाऊ गली~ गली '' लेकिन मेरी आवाज़ को कोई नहीं सुनता ,







गुरु और प्रेम की सारी विधियाँ , सारे नियम , सारे सिद्धांत , सारी साधना साधक की चेतना के विस्तार के लिए है ! साधना का एक अर्थ चेतना का विस्तार भी है जब तक साधक मूर्छा ( अज्ञानी ) में है तब तक उसकी चेतना का विस्तार संभव नहीं है ! गुरु के सारे उपक्रम इसी मूर्छा को दूर करने के लिए हैं ! गुरु दीक्षा द्वारा शक्तिपात के द्वारा ,साधना के द्वारा कुंडलिनी जागरण के द्वारा दूर करने का प्रयत्न करता है ! साधक को अज्ञान से बाहर निकलता है ! सचमुच गुरु और प्रेम बड़ा ही अद्भुत शास्त्र है ! जितना सीखो उतना कम है ! प्रत्येक साधक यह सोचता है विचारों का संग्रह ही ज्ञान है ! पुस्तकों में हम जो कुछ भी पड़ते हैं वह सब दूसरों के विचार हैं ,ज्ञान नहीं, विचारों के संग्रह से हम कभी भी ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकते हैं ! ज्ञान आता है मिलकर बैठने से , ज्ञान आता है आत्मा से , ज्ञान आता है गुरु के वचनों से , ज्ञान आता है स्तरिये पुस्तकों से ,स्मरण रखें ज्ञान हमारी संपत्ति है और विचार दूसरों की सम्पति है !ज्ञान वास्तव मैं आत्मा की ऊर्जा है ! पुरुष कहो या साधक कहो के शरीर मैं श्वेत बिंदु के रूप में शिव और स्त्री कहो साधिका कहो या भैरवी कहो के शरीर में रक्त बिंदु के रूप मैं शक्ति का निवास है ! आपको यह जानकार बेहद आश्चर्य होगा कि बिंदु साधना का ही दूसरा नाम कुंडलिनी साधना है ! दोनों की जड़ में एक ही सिद्धांत , एक ही नियम और एक ही लक्ष्य है ! जैसे वैदिक युग में बिंदु साधना का प्रभाव था ठीक उसी प्रकार तंत्र युग में कुण्डलिनी साधना का प्रभाव था !जब भी गुरु कहीं लेकर चलते हैं ,या किसी गोपनीय साधना के लिए बुलाते हैं तो साधक को यही कहना चाहिए ~ गुरुवर आप बुलाएँ हम ना आयें ऐसे तो हालात ( स्थिती ) नहीं ! कभी न कभी सफल हो जाओगे ...........










जिसे सफलता का और असफलता का अंतर पता है और जो भुतक्भोगी है | में उन की सहायता करना चाहता हूँ जो साधक एस ग्रुप से जुड़ना चाहते है | आप एस विद्यालय में प्रवेश ले कर के अध्यन करे |

ग्रुप और कुछ नियम।

साधक /साधिका जैसा की हम अपनी पिछली पोस्ट में बता चुके है , की एक नविन विद्यालय ग्रुप का निर्माण हो रहा है। जो पूर्ण रूप से गोपनीय होगा। उससे सम्बंधित नियम यहाँ दिए जा रहे है। ध्यानपूर्वक अध्ययन करे।